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श्रदालुओं मे रोष कह रहे उचित मंदिर अधिकारी की हो नियुक्ति इस अधिकारी को हटाया जाए
दियोटसिद्ध(सतीश विट्टू/शर्मा)

उत्तरी भारत का प्रमुख सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में हजारों की संख्या में श्रद्धालु चैत्र मास मेले में पहुंच रहे हैं लेकिन इतिहास में पहली बार देखने को मिला जब बाबा की गुफा पर पहुंचे बाबा के दरबार में पैसा नगदी गोलक में डालने की जगह बाबा बालक नाथ कि सवरूप की तरफ फेंकी गई तथा मंदिर के पुजारी व मंदिर अधिकारी संदीप चंदेल मुक दर्शक बनकर तमाशा देखते रहे।पिछले 30 वर्षो से अधिक समय से पत्रकारिता की क्षेत्र में जुड़कर निरंतर इसी क्षेत्र में कवरेज कर रहा हूँ लेकिन ऐसा अनुभव पहली बार हुआ है जब इस प्रकार का व्यवहार बाबा की गुफा में हुआ है इस पर आम जनमानस की राय भी जरूरी है कोई कितना भी बड़ा धन का स्वामी क्यों ना हो बाबा की गुफा में इस प्रकार का व्यवहार सही नहीं है। ऐसी परंपरा बाबा बालक नाथ मंदिर में पहले कभी नहीं हुई है। श्रदालुओं मे रोष उत्पन्न हो गया है जो सोशल मीडिया पर इस को ओर जिस ने कार्य किया है उसके वारे बोल रहे है। श्रदालु कह रहे उचित मंदिर अधिकारी की नियुक्ति हो इस को यहाँ से हटाया जाए व स्थाई अधिकारी नियुक्त किया जाए।अब देखना होगा कि वहाँ मंदिर अधिकारी भी मजूद था जो हमारे पास वीडियो है उस मे साफ दिख रहा है उसके खिलाफ अध्यक्ष कारवाई करते है या पुजारियों के खिलाफ करेंगे आने वाले दिनों मे पता चलेगा या दोनों पर करेंगे।

नंबर किया ब्लॉक मंदिर अधिकारी ने

मंदिर अधिकारी ने ब्लॉक कर दिया वाट्सअप व फोन नंवर, अपनी मंदिर कार्यशैली मे बिलकुल फेल
जब इस वारे मे मंदिर अधिकारी का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने फोन उठाना उचित नहीं समझा। उस के वाद जब वाट्सअप पर वीडियो भेज कर पक्ष जानना चाहा तो वहाँ से ब्लॉक कर दिया। ऐसे प्रतीत हो रहा उक्त अधिकारी अपना मन्त्री का मित्र व प्रदेश के मुख्य मन्त्री का जो पर्सनल सेक्रेटरी इसका रिश्तेदार है उनका नाम खराब कर रहा है क्यूंकि ज़ब से मंदिर मे नियुक्त हुआ इस की कार्यशैली मे बहुत ही गलत कार्य हो चुके है। जिनको ये मित्र व रिश्तेदार कहता है उनको भी सोचना चाहिए ऐसे कर्मचारी के कारण अपना नाम क्यूँ खराब कर रहे है।

 

 

लेगे कड़ा सज्ञान:- अध्यक्ष व एसडीएम बड़सर
न्यास बाबा बालक नाथ के अध्यक्ष राजेंद्र गौतम से इस घटनाक्रम को लेकर बात हुई तो उन्होंने कहा कि इस प्रकार का मामला उनके ध्यान में नहीं है अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच की जाएगी ओर विभागीय कारवाई मंदिर अधिकारी व पुजारियों के खिलाफ की जाएगी।

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