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श्रदालुओं ने कहा अगर उच्च अधिकारियो ने नहीं की दोषी अधिकारी पर कारवाई तो जायेंगे उच्चन्यालय

दियोटसिद्ध(सतीश बिटू/शर्मा)

वकरों की नीलामी को लेकर माननीय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश 29.12.2022 केस न०. 8902/2022 पवन जगोता व अन्य वनाम हि० प० सरकार में एक कमेटी का गठन किया था। लेकिन मन्दिर अधिकारी ने उसे अनदेखा कर अपने चहेते सवसे कनिष्ठ लिपिक श्री मनोज कुमार को वकरों की नीलामी करने के लिए प्राधिकृत कर दिया। उसने सभी नियमों को ताक पर रख कर वकरों की नीलामी न करवा कर सीधे तौर पर ही सवसे कम रेटों में वेच दिये। मामला मीडिया में आने के वाद उक्त लिपिक को सस्पैड कर दिया गया और जांच तहसीलदार बडसर से करवाई गई तथा उस रिपोर्ट में उक्त कर्मचारी दोषी पाया भी गया।वही उस से अगली वार जो बोली हुई उस मे बकरे घोटाले की बोली से ज्यादा आमदनी न्यास को हुई।
आगे की कार्यवाही के लिए मामला जांच हेतु स्टेट विजीलैस को दे दिया गया । लिपिक के खिलाफ कार्यवाही हो गई लेकिन मन्दिर अधिकारी ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर अपने चहेते कनिष्ठ लिपिक को नीलामी की जिम्मेदारी सौप दी उस के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई। मन्दिर अधिकारी ने अपना दोष छिपाने के लिए उक्त दोषी सस्पेंडड कर्मचारी को 15 दिनो के भीतर वहाल करवा दिया जवकि नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि दोषी कर्मचारी को रैगुलर जांच के विना 15 दिनों के अन्दर वहाल कर दिया जाये। यह सिर्फ अपना दोष छिपाने के लिए किया गया।
वही सूत्रों के हवाले से पता चला है 10-04-2025 को अध्यक्ष एवं एसडीएम बड़सर ने इस मामले मे सुनवाई रखी है जिस मे लिपिक को क्लीनचिट तो दे देंगे पर जिस मंदिर अधिकारी ने उच्चन्यालय के आदेशों की अबेहलना की है उस पर मंदिर आयुक्त(उपायुक्त हमीरपुर) व अध्यक्ष(एसडीएम बड़सर) कारवाई करने के लिये क्यूँ बेबस है बड़ी आश्चर्य की बात है।

कोर्ट का खड़कायँगे दरवाजा
इसी पर आज सेवी दविंदर सिंह ने कहा बावा बालक नाथ जी मे अगर बकरा घोटाले मे असल दोषी के खिलाफ कारवाई नहीं करेंगे उच्च अधिकारी तो हम माननीय उच्चन्यालय मे केस करेंगे ओर दोषी के खिलाफ कारवाई करायँगे जिस ने उच्च न्यालय के आदेशों की अबेहलना की ओर जो उच्चअधिकारी इस का साथ दे रहे उनको भी कोर्ट मे जवाब देना होगा।

न्यास बावा बालक नाथ मे लगे पका अधिकारी
विशाल भाटिया ने कहा प्रदेश सरकार को चाहिए मंदिर मे 365 दिन के लिये एक पका तहसीलदार मंदिर अधिकारी लगना चाहिए जिस के पास सिर्फ मंदिर का ही कार्य हो। उसके इलावा उन्होंने कहा अगर उच्चअधिकारी गलती पता होने के बावजूद भी दोषी अधिकारी खिलाफ कारवाई नहीं करते तो हम मजबूर हो कर उच्चन्यालय मे जायेगा जिस के सम्पूर्ण जिम्मेदारी उक्त उच्च अधिकारियो की ही होंगी।

 

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