श्री बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे
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बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में स्थायी मंदिर अधिकारी की नियुक्ति अधर में लटका
दियोटसिद्ध। सतीश शर्मा विट्टू
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध का जब गठन हुआ था उस समय मंदिर का चढ़ावा 44लाख था। आज एक महीने में ही करोड़ों रुपए चढ़ते हैं लेकिन आज करीब 40साल बाद भी पुरानी व्यवस्था को बदला नहीं जा रहा। अपने चेहरों को आज भी एडजस्ट करने का खेल जारी है। बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे। पहले धर्मपाल ने गी को मंदिर अधिकारी लगाया मंदिर में विकास भीहुआ लेकिन उन्हें हटा दिया गया। नित दिन नये घोटाले सामने आ रहे लेकिन रूकने का नाम नहीं ले रहे। कभी टेंडर घोटाला कभी बकरों की नीलामी का मामला,कभी राशन घोटाला तो कभी रसीद घोटाला। कभी अपने खाते में पैसा जमा करवाना। लेकिन घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे। श्रद्धालुओं की मांग है कि मंदिर के लिए स्थाई मंदिर अधिकारी नियुक्त किया जाए। मुख्यमंत्री के दरबार में अभी मामला पहुंच चुका है। सरकार की छवि होगी काफी नुकसान हो रहा है विपक्ष इस मामले में काफी सक्रिय है बाबा बालक नाथ के ट्रस्ट के कोई पुराने ट्रस्टों का भी कहना है कि मंदिर की छवि के लिए स्थाई मंदिर अधिकारी नियुक्त किया जाए ताकि देश-विदेश में बाबा बालक नाथ का प्रचार प्रसार सही तरीके से किया जासके। गुफा में विगत दिनों मुद्रा को बाबा के स्वरूप पर डालने का भी कई श्रद्धालुओं ने कड़ा विरोध जताया है। बाबा बालक नाथ न्यास अध्यक्ष इस पूरे मामले की जांच भी करवा रही हैं कि इसके लिए दोषी कौन है। उनका साफ कहना है कि अगर दोबारा इस प्रकार की हरकत होती है तो कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।