श्रीं बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी तड़प तड़प कर महिला की हालत खराब।

प्रांगण में तड़पती रही महिला 

दियोटसिद्ध। सतीश शर्मा विट्टू

बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में श्रद्धालु की प्रांगण में तड़पती रही।बाबा बालक नाथ मंदिर प्रशासन के नित कारनामे सामने आ रहे हैं रविवार को भी इसी प्रकार का मामला सामने आया है। हम बार-बार खबरें कर रहे हैं कि बाबा बालक नाथ मंदिर में व्यवस्था से ही नहीं है कई घोटाले सामने आ चुके हैं परंतु सुनने को गूंगी बहरी सरकार तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के जिला में या हाल है तो प्रदेश के अन्य जिलों का अनुमान आप स्वयं लगा सकते हैं। जब से मंदिर बना है मंदिर के इतिहास पर नजर दौडाई जाए तो कभी ऐसी अव्यवस्था देखने को नहीं मिली। पूर्व में जो भी मुख्यमंत्री रहे बाबा बालक नाथ मंदिर के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा परंतु वर्तमान में व्यवस्था क्या है कि मंदिर को एक स्थाई मंदिर अधिकारी नहीं मिला है। लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि वर्तमान मंदिर अधिकारी को हटाकर स्थाई मंदिर अधिकारी नियुक्त किया जाए। वर्तमान मंदिर अधिकारी के पास तहसीलदार का भी कार्य है। बकरा घोटाला सहित विभिन्न घोटाले सामने आ चुके हैं। लेकिन व्यवस्था है कि सुधारने का नाम ही नहीं ले रही। आज पूरे प्रकरण में हमें देखने को मिला कि अगर समय पर मेडिकल सहायता उपलब्ध करवाई जाती तो महिला के परिवार को परेशान नहीं होना पड़ता।। करोड़ों की आय के बाद भी मंदिर में व्यवस्था नहीं सुधर रही है गूंगी बहरी सरकार मौन धारण किए हुए हैं ऐसी कौन सी मजबूरी है इसके आगे सब नतमस्तक हैं।

मंदिर अधिकारी संदीप चंदेल से जब हमने जाना चाहा तो

उन्होंने बताया कि महिला को चाहत लड़ाई रेफर किया गया था। हमने जब शाह तलाई में पता किया तो महिला को सिविल अस्पताल बड़सर रेफर किया गया था।

सिविल अस्पताल बड़सर के बीएमओ विक्रम कटोच का कहना था

कि दोपहर को एक महिला को उनके अस्पताल रेफर किया गया था जिसकी शुगर की वजह से समस्या आई थी। जिला अस्पताल हमीरपुर रेफर करवा दिया गया था।