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 सतीश शर्मा विट्टू

उत्तरी भारत के प्रमुख सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर में 29 सितंबर को हुई गणना हेरा फेरी के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है खबर लिखे जाने तक डीएसपी लालमन तथा पुलिस एस एच ओ गुरबख्श इस मामले में थाने में गिरफ्तार किया दोनों लोगों से पूछताछ कर रहे हैं तथा आज उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। ऐसा नहीं है कि बाबा बालक नाथ ट्रस्ट में हेरा फेरी का या पहला मामला उजागर हुआ है इससे पहले भी बड़े मामले उजागर हुए हैं लेकिन उनका अंत राजनीतिक मिलीभक्त से हमेशा होता रहा है

एक नहीं अनेक मामले उजागर हुए लेकिन सभी मामलों में परिणाम निकला वहीं ढाक के तीन पात।

इस मामले में भी लीपापोती करने के प्रयास किया जा रहे थे परंतु मीडिया में उजागर होने के बाद पूरा घटनाक्रम चर्चा का विषय बना हुआ है। मुख्यमंत्री के जिला में हुई घटना पर विपक्ष भी मौन है। क्योंकि ऐसा नहीं है विपक्ष के टाइम में घोटाले नहीं हुए हैं। चाहे बकरा घोटाला हो चाहे राशन घोटाला चाहे सोना चांदी घोटाला चाहे रसीद घोटाला हर मामले में जांच तो हुई है लेकिन जब राजनीति साथ में जुड़ जाती है तो मामले की सच्चाई सामने नहीं आती है। 32 सुरक्षा कर्मचारी इसके अलावा ट्रस्ट के कितने ही ट्रस्ट के सदस्य है मिलीभक्त के बिना हेरा फेरी संभव नहीं है। पूरे मामले में दो लोगों को बलि का बकरा बनाकर पूरे तंत्र को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। निष्पक्ष जांच करवाई जाए तो बड़े तथ्य उजागर हो सकते हैं।

एक ही बंडल में 500 के 40 नोट अधिक निक@लनाबड़े सवाल खड़ा करता है। करोड़ों रुपए के बंडल बनाए जाते हैं उनमें कितनी हेरा फेरी होती है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। जिन दो लोगों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा रही है उनके अलावा भी इस पूरे तंत्र में कितने लोग शामिल होते हैं। अकेले लिपिक तथा अकाउंटेंट का कार्य नहीं हो सकता है। बड़ी मछलियों को बचाने के लिए छोटी मछलियों को फसाया जा रहा है पुलिस को सही जानकारी देकर इस मामले में बाबा बालक नाथ ट्रस्ट की छवि को बचाया जा सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने जब हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड में पेपर हेरा फेरी का मामला उजागर हुआ था पूरा बोर्ड ही भंग कर दिया था इस पूरे मामले में भी ट्रस्ट को भंग कर एडमिनिस्ट्रेटर को कार्य सौंपा जाना चाहिए तथा निष्पक्ष जांच होनी चाहिए यहां तक की मंदिर अधिकारी तक को तुरंत इस पद से हटकर किसी नये व्यक्ति को इसकी ड्यूटी दी जानी चाहिए ताकि निष्पक्ष जांच संभव हो सके। इस पूरे प्रकरण में इतना तो तय है कि मात्र दो लोग ही शामिल नहीं है पूरे मामले में बड़ी मछलियों को पकड़ने की जरूरत है। डीएसपी लालमन तथा पुलिस एस एच ओ बड़सर गुरबख्श ईमानदार कार्य प्रणाली के लिए जाने जाते हैं। इस पूरे प्रकरण में राजनीतिक दबाव नहीं होगा तो बड़ी मछलियां भी बाहर आएंगी। बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष राजेंद्र गौतम की ईमानदार छवि भी इस मामले में बड़े तथ्य उजागर करवा सकती है। जिलाधीश हमीरपुर पूरे प्रकरण पर नजर रखे हुए हैं उनकी कार्यशैली की लोग सराहना कर रहे हैं। जिलाधीश को भी अगर सरकार का सहयोग मिले तो इस जांच में बड़ी मछलियों के बाहर आने की पूरी उम्मीद है लेकिन देखना है जांच कितनी निष्पक्ष होती है। पुलिस थोड़ी देर में इन लोगों को कोर्ट में लेकर जाएगी कोर्ट का क्या फैसला आता है देखने वाली बात है। लंबा रिमांड पुलिस को दिया जाता है तो तथ्य भी उजागर हो सकते हैं। खबर पर टॉप न्यूज मीडिया कड़ी नजर रखे हुए हैं पल-पल की जानकारी हम आपको दे रहे हैं पुलिस थाना बड़सर से सतीश शर्मा की दैनिक जीत समाचार मीडिया के लिए रिपोर्ट।

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