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हिमाचल प्रदेश दिनेश शर्मा की रिपोर्ट

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने वीरवार को विधानसभा में प्रेसवार्ता के दौरान यह जानकारी दीJagat Negi said- Those who make their living on forest land can get ownership rights of up to 50 bighas of lan

वन भूमि पर जीवन निर्वाह करने वालों की 50 बीघा तक जमीन नियमित होगी। वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों में लोगों को 50 बीघा तक मालिकाना हक मिलेगा। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने वीरवार को विधानसभा में प्रेसवार्ता के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कब्जे नियमित करने के लिए लोगों को निर्धारित फार्म पर आवेदन करना होगा। इसके लिए ग्राम सभा का अनुमोदन और दो लोगों की गवाही जरूरी होगी। इसके अलावा कोई खर्चा नहीं होगा। दावेदार का कब्जा इस भूमि पर 13 दिसंबर 2005 से पहले तीन पुश्तों तक होना चाहिए।

अधिनियम में दावा करने वालों को फार्म भरना होगा।

पत्नी का नाम भी जरूरी होगा। पत्नी बराबर की हिस्सेदार होगी। अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग से हैं तो प्रमाण पत्र लगाना होगा, सामान्य वर्ग से हैं तो गांव के निवासी होने का पहचान पत्र वोटर आई कार्ड या आधार कार्ड लगाना होगा। साक्ष्य के लिए दो बुजुर्गों के बयान लगेंगे जो पुष्टि करेंगे कि दावेदार का कब्जा इस भूमि पर 13 दिसंबर 2005 से पहले तीन पुश्तों तक का है। जिस भूमि पर दावा जता रहे हैं उसकी लंबाई और चौड़ाई की जानकारी नक्शा नजरी बनवा कर दे सकते हैं। प्रार्थना पत्र को पंचायत की ग्राम सभा से वन अधिकार समिति (एफआरटी) के माध्यम से अनुमोदित किया जाएगा। समिति में अधिकतम 15 लोग हो सकते हैं एक तिहाई महिलाएं होनी चाहिएं, एक अध्यक्ष होगा एक सचिव होगा।

यह कमेटी मौके पर जा कर दावों को लेकर रिपोर्ट बनाएगी।

कमेटी लिखित सूचना पटवारी और गार्ड को देगी, और इन्हें अनिवार्य तौर पर कमेटी के साथ मौके पर जाना होगा। बिना सूचना दिए अगर नहीं जाते तो 1000 रुपये जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। एफआरटी को अधिकार नहीं कि दावे को स्वीकृति दें, इनका काम सिर्फ मौके पर जाकर सत्यापन करने का है। कमेटी अपनी टिप्पणी में लिखेगी कि संबंधित जमीन पर पेड़ है, खेत है, मकान है या चरागाह है। हर प्रार्थना पत्र का सत्यापन करने के बाद कमेटी पंचायत सचिव के माध्यम से विशेष ग्रामसभा को भेजेगी। ग्राम सभा में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यस्क वोट कर सकेंगे, सामान्य ग्राम सभा में 18 साल से अधिक आयु का सिर्फ एक व्यक्ति ही वोटर होता है लेकिन विशेष ग्राम सभा में परिवार के सभी व्यस्क वोट दे सकेंगे।ग्राम सभा में 50 फीसदी लोग यदि प्रार्थी के दावे का अनुमोदन करते हैं तो मालिकाना हक मिलना निश्चित हो जाएगा। ग्राम सभा सभी अनुमोदित मामले सत्यापन के लिए उपमंडल स्तरीय समिति को भेजेगी। उपमंडल स्तरीय समिति सभी मामलों के सत्यापन के बाद जिला स्तरीय समिति को भेजेगी। उपायुक्त की अध्यक्षता वाली समिति दावों का निपटारा और दस्तावेजीकरण कर स्वीकृति देगी जिसके बाद दावेदार को भूमि का पट्टा देकर मालिकाना हक दिया जाएगा। जगत नेगी ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए जिला और उपमंडल स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित होंगी, इसके लिए उपायुक्तों को निर्देश भेजे जा रहे हैं।

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