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विशेष संवाददाता हिमाचल जीत समाचार
सतीश शर्मा
जब हर प्रोफेशन में पढ़ाई जरूरी है तो पत्रकारों के लिए भी पत्रकारिता की डिग्री डिप्लोमा अनिवार्य करना हिमाचल सरकार का सराहनीय फैसला है। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।देवभूमि बना पहला राज्य जिसमें गाइडलाइन को अनिवार्य बनाया गया हैदेवभूमि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पत्रकारों के लिए योग्यता को लागू करने का जो निर्णय लिया है जिसमें पत्रकारों के लिए पत्रकारिता की पढ़ाई अनिवार्य की गई है इससे मीडिया में गुणवत्ता आएगी। डॉक्टर बनने के लिए डॉक्टर की पढ़ाई जरूरी है टीचर बनने के लिए टीचर की पढ़ाई b.ed m.ed तथा जज बनने के लिए कानून की पढ़ाई जरूरी है लेकिन वर्तमान में कोई भी व्यक्ति मोबाइल लेकर पत्रकार बन जाता है तथा लोगों को डराने धमकाने का भी कार्य करता है। डिजिटल मीडिया संगठन तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संगठन की तरफ से मुख्यमंत्री से मांग की गई थी कि पत्रकारों के लिए भी पत्रकारिता की शिक्षा को अनिवार्य बनाया जाए। जिसमें पत्रकारिता की डिग्री अथवा डिप्लोमा जरूरी होना चाहिए। कैसे पत्रकार हैं जिन्हें पत्रकारिता की एबीसी तक नहीं आती लेकिन हर दिन लोगों को ब्लैकमेल करते हैं धमकाते हैं धिक्कार है ऐसी पत्रकारिता पर।हिमाचल सरकार ने पारदर्शी तरीके से इस अभियान को आगे बढ़ाने में सराहनीय कार्य किया है। आज कई पत्रकार जिनके पास डिग्री डिप्लोमा नहीं है वह इससे परेशान भी हो रहे है लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का निर्णय महत्वपूर्ण है इससे पत्रकारिता में गुणवत्ता भी बढ़ेगी। पत्रकार का काम सिर्फ खबर करना ही नहीं संपादकीय लिखना भी जरूरी होता है तथा महत्वपूर्ण मौकों पर संपादकीय महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। लेकिन वर्तमान दौर अवलोकन का दौर है लोगों को भी इसमें सहयोग करने की जरूरत है। जब झोलाछाप पत्रकारिता किसी भी प्रदेश में बढ़ेगी तो पत्रकारिता के किस क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रोफेशनल पत्रकारों को भी समस्या का सामना करना पड़ता है इसमें जरूरत है समाज के सहयोग की भी। अगर समाज को झोलाछाप पत्रकार ही पहली पसंद बन जाए तो इसमें प्रोफेशनल पत्रकार भी क्या कर सकते हैं। लेकिन पत्रकारिता का सही मूल्यांकन करना भी प्रोफेशनल पत्रकारों तथा समाज का दायित्व बनता है। जब समाज कुरीतियों को बढ़ावा देता है तो इसका खमियाजा भी समाज को ही भुगतना पड़ता है। वर्तमान दौर अवलोकन का है तथा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इसका अवलोकन किया है तथा समाज को एक दिशा देने की कोशिश की है हम सब का भी कर्तव्य बनता है कि हम सरकार के सही निर्णय का समर्थन करें तथा गलत का विरोध। लेकिन झोला छाप पत्रकारिता समाज के लिए भी घातक है तथा व्यक्तियों के लिए भी। हर दिन समझ में नए नमूने देखने को मिलते हैं। मुख्यमंत्री का फैसला सराहनीय है अब देखना यह है कि जनता किसका समर्थन करती है। गलत का अथवा सही का। समाज का समर्थन महत्वपूर्ण है
वर्तमान समय की जरूरत भी है की पत्रकारिता को जन कल्याण के लिए बेहतर बनाने के लिए इस प्रकार के सुधार हर राज्य में किया जा में तथा पत्रकारिता को सुदृढ़ किया जाए तथा जन कल्याण के लिए पत्रकारिता का प्रयोग कियाजाए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को विधानसभा सत्र के दौरान पत्रकारिता को लेकर टिप्पणी करनी पड़ती है जो विधानसभा रिकॉर्ड में भी दर्ज है जिसमें उन्होंने सोलन जिला के बद्दी तथा अन्य जगहों का जिक्र किया है जिसमें पत्रकारों द्वारा लोगों को ब्लैकमेल करने का भी वर्णन किया गया है। हम मुख्यमंत्री के इस फैसले का कड़ा स्वागत करता है तथा प्रदेश के लोगों से भी आह्वान करता है की मुख्यमंत्री के इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए आप उन्ही चैनल को अधिक से अधिक देखे तथा फॉलो करें जो चैनल सरकार की शर्तों को भी पूरा करते हैं। झोलाछाप पत्रकारिता से परहेज करें।
जनहित में जारी
एमफिल पत्रकारिता एवं जनसंचार
चेयरमेन डिजिटल मीडिया संगठन जिला हमीरपुर हिमाचल प्रदेश
9218747777
