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संपादकीय विशेष संवाददाता दैनिक जीत समाचार
मुफ्त में समाज को कुछ भी मिलना जहर है राजनीतिक दल इस मामले में वोट की राजनीति के लिए आगे आ रहे हैं कोई भी दल हो विभिन्न राज्यों में मुफ्त में बहुत से प्रलोभन देकर वोट की राजनीति की जा रही है। मुख्यमंत्री जब राजा वीरभद्र थे उस समय हिमाचल प्रदेश में प्रदेश की सोसाइटी में जो समान लोगों को मिलता था वह पूरे प्रदेश के लोगों को दिया जाता था लेकिन वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में सरकार चाहे बीजेपी की हो अथवा कांग्रेस की महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा का जो लाभ दिया जा रहा है वह कितना सही है आप भी इस पर टिप्पणी कर सकते हैं। हो सकता है जब मैं इस खबर को कर रहा हूं तो आप लोगों को मैं एक पत्रकार कम लेकिन एक वर्ग को लाभ मिल रहा है तो उस पर टिप्पणी कर रहा हूं गलत भी लग सकता हूं आप विलियन की भूमिका भी कह सकते हैं परंतु मेरा मकसद हंगामा खड़ा करना नहीं है। मेरे किसी मित्र ने बताया कि सुबह-सुबह सरकारी गाड़ी में बसों में स्कूल में तैनात सरकारी महिला टीचर जब बस में जाती है तो उसे भी फ्री की बस का लाभ मिलता है जिनका वेतन 50000 से₹100000 के काफी पास होता है। क्या ऐसी महिलाओं को फ्री बस की सुविधा मिलनी चाहिए। कोई भी सभ्य समाज का सभ्य नागरिक इसके पक्ष में नहीं होगा लेकिन महिला है तो सरकार ने बसों में फ्री बस यात्रा की सुविधा दे रखी है तो उस टीचर का भी क्या कसूर है। क्या जरूरतमंदों को सुविधा नहीं मिलनी चाहिए। असाध्याय रोगोंके जो मरीज हैं जैसे कैंसर किडनी के पेशेंट लीवर के पेशेंट क्या उनको इस प्रकार की सुविधा फ्री बस सुविधा दी जानी चाहिए अथवा नहीं। एक गरीब व्यक्ति है लेकिन अगर वह पुरुष है तो क्या ऐसे लोगों को सुविधा नहीं मिलनी चाहिए बराबर मिलनी चाहिए लेकिन बोर्ड की राजनीति है हिमाचल ही नहीं बाहरी राज्यों में भी दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में इस प्रकार की फ्री की सुविधा दी जा रही है जो तत्काल प्रभाव से बंद होनी चाहिए जरूरतमंद को ही सुविधा मिलनी चाहिए। आप लोगों की क्या राय है कमेंट कर जरूर बताएं। अधिक से अधिक खबर को शेयर करें जनहित में जारी।

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