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श्रद्धालुओं को मिलने वाली सुविधाएं उनके मुंह में जीरो साबित हो रही है।

दैनिक जीत समाचार हमीरपुर 11 अप्रैल। (सतीश शर्मा )
देवभूमि हिमाचल के धार्मिक स्थलों को धार्मिक पर्यटन से जोड़कर विकसित करने का प्रयास किया जाए तो करोड़ों रुपए की आए प्राप्त हो सकती है तथा कई लोगों को रोजगार भी मिल सकता है लेकिन मुख्यमंत्री के गृह जिला हमीरपुर के अंतर्गत बाबा बालक नाथ की तपोस्थली को धार्मिक रन से जोड़ने के प्रयास आज तक नहीं हुए इस अभियान को देश-विदेश में पॉपुलर किया जाए तो कुरुक्षेत्र की आर्थिकी की भी सुधर सकती है। इसके अलावा के लोगों को रोजगार भी मिलेगा तथा क्षेत्र में विकसित होगा।
इश्क क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़कों की हालत खस्ता बनी हुई है श्रद्धालुओं को मिलने वाली सुविधाएं उनके मुंह में जीरा साबित हो रही है। बाबा बालक नाथ मंदिर में परमानेंट मंदिर अधिकारी न होने से श्रद्धालुओं को हमेशा परेशानियां उठानी पड़ती हैं। जब बाबा बालक नाथ न्यास बना था तो इसकी आय 40 लाख के करीब थी लेकिन आज एक महीने में ही करोड़ों का चढ़ावा मंदिर में श्रद्धालु अर्पित कर रहे हैं लेकिन इस धार्मिक स्थल से जुड़े कई मामले प्रकाश में आते हैं। कभी बकरा घोटाला तो कभी रसीद घोटाला तो कभी राशन घोटाला कभी रसीद बुक घोटाला घोटाले पर घोटाला परंतु घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। इन पूरे मामलों में भाषा एवं संस्कृति विभाग भी मौन बैठा है। श्रद्धालुओं की मांग है कि बाबा बालक नाथ मंदिर के लिए प्रोजेक्ट बनाकर सुविधाओं को लागू किया जाए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल द्वारा बाबा बालक नाथ के समीप पार्किंग की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। लोगों की मांग है कि परमानेंट मंदिर अधिकारी नियुक्त किया जाए। देश विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं तथा ट्रैफिक अवयवस्था के कारण श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। श्रद्धालुओं को कहना है की अव्यवस्था कब रुकेगी

 

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